STORYMIRROR

खुद से मुहब्बत

खुद से मुहब्बत

1 min
493


न सुनेगा वो न समझेगा वो,

चाहकर भी न कहेगा वो,

ऐ रंजिश अब तो समझ जा,

तुझको न मिल पाएगा वो।


जो अनसुने तेरे ख़्वाब रहेंगे,

असमझ जो तेरे जज़्बात रहेंगे,

फायदा क्या हो तेरी तड़प का जब,

नाकाम से तेरे अल्फाज़ रहेंगे।


वो क्या जाने वो क्या खो रहा है,

तू न जाने यूँ क्यों रो रहा है,

याद कर करके न जाने तू अपनी

इज्ज़त क्यूँ यूँही खो रहा है।


रंजिश है तू मगर ख़ुद की रहमत बन जा,

कामयाबी की ऐसी मदहोशी में समा,

मिले तो अफसोस होए उसे,

ख़ुद की मुहब्बत में तू यूँ डूब जा।


सिखा दे उनको जो सिर्फ करे इंतज़ार,

प्यार न होता है कभी बेकार,

हुनर का जब भी चढ़ा है ख़ुमार,

नीलाम हुआ है हर इज़हार।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational