किराए का घर
किराए का घर
लाशें देख देख कर अब तो दहल उठी दहलीज़।
भगवन बिन तेरी मर्जी के हिले न कोई चीज।
यह जीवन किराए का घर इससे कब इंकार हमें,
इतना ही बतला दो प्रभु क्या खत्म हो गई लीज़।
लाशें देख देख कर अब तो दहल उठी दहलीज़।
भगवन बिन तेरी मर्जी के हिले न कोई चीज।
यह जीवन किराए का घर इससे कब इंकार हमें,
इतना ही बतला दो प्रभु क्या खत्म हो गई लीज़।