सतीश मापतपुरी
Inspirational
लाशें देख देख कर अब तो दहल उठी दहलीज़।
भगवन बिन तेरी मर्जी के हिले न कोई चीज।
यह जीवन किराए का घर इससे कब इंकार हमें,
इतना ही बतला दो प्रभु क्या खत्म हो गई लीज़।
चुनाव के भगवा...
मोबाइल
परिंदा
नशा
नासूर
जाल
तिरंगा
सावनी दोहे
जय हिन्द
नारी
अब देख भागा हंस पड़े लोग वही बैठे कहीं न बात मानी अब देख भागा हंस पड़े लोग वही बैठे कहीं न बात मानी
राज दिलों पर करना है तो दिल में उतरना पड़ता है राज दिलों पर करना है तो दिल में उतरना पड़ता है
इरादों से अपने, राह ए मंज़िल मैं बनाता चला गया।। इरादों से अपने, राह ए मंज़िल मैं बनाता चला गया।।
उन्हीं परिकल्पनाओं से, जगत कल्याण करते हैं !! उन्हीं परिकल्पनाओं से, जगत कल्याण करते हैं !!
हकीकत परखोगे तो कहां मिलेंगे जवाब हकीकत परखोगे तो कहां मिलेंगे जवाब
कभी कभी इन उलझनों को, कुछ पल के लिए ही सही, कभी कभी इन उलझनों को, कुछ पल के लिए ही सही,
खुद से पाकर खुद के दर्द खुद कि गलती खुद कबूल गए खुद से पाकर खुद के दर्द खुद कि गलती खुद कबूल गए
पार्टियों में लोग हाथ मिलाते हैं और बाहर आकर भूला देते हैं। ग़रीब के बच्चा बड़े ख्वाब देखता है अगर त... पार्टियों में लोग हाथ मिलाते हैं और बाहर आकर भूला देते हैं। ग़रीब के बच्चा बड़े ...
दायरा ए वक़्त भी सीमित वक़्त को है ये गुरूर दायरा ए वक़्त भी सीमित वक़्त को है ये गुरूर
ज़ख्म मिलेंगे बेशक तुझको उसको भरने से क्या होगा ज़ख्म मिलेंगे बेशक तुझको उसको भरने से क्या होगा
अखण्ड ज्योति के लिए तिमिर-चरण उखाड़ तुम अखण्ड ज्योति के लिए तिमिर-चरण उखाड़ तुम
किसी की नींदे उड़ चुकी है तो कोई चैन से सो रहा है किसी की नींदे उड़ चुकी है तो कोई चैन से सो रहा है
ऐसी कोई रात ना होगी जब वह रोई न होगी। ऐसी कोई रात ना होगी जब वह रोई न होगी।
लैंगिक असमानता मिटे, मिले सबको उच्चतम शिक्षा। लैंगिक असमानता मिटे, मिले सबको उच्चतम शिक्षा।
क्या है जो मुझे टोक रहा है कुछ करने को कुछ बनने को क्या है जो मुझे टोक रहा है कुछ करने को कुछ बनने को
कुछ लक्ष्य होते जो साल में पूरे करने होते हैं कुछ लक्ष्य होते जो साल में पूरे करने होते हैं
भावनाओं की साझेदारी सब है माँ की चरणों में भेंट भावनाओं की साझेदारी सब है माँ की चरणों में भेंट
सोच से मैं अपनी, इतिहास बदलना चाहता हूं सोच से मैं अपनी, इतिहास बदलना चाहता हूं
शिकारी ने झट से पहचाना, वही था वह खास चूहा, शिकारी ने झट से पहचाना, वही था वह खास चूहा,
दुश्मनों को पिघलाकर मैं, दोस्त बनाने आया हूं, दुश्मनों को पिघलाकर मैं, दोस्त बनाने आया हूं,