STORYMIRROR

सतीश मापतपुरी

Inspirational

3  

सतीश मापतपुरी

Inspirational

किराए का घर

किराए का घर

1 min
248

लाशें देख देख कर अब तो दहल उठी दहलीज़।

भगवन  बिन तेरी  मर्जी के  हिले  न कोई चीज।


यह जीवन किराए का घर इससे कब इंकार हमें,

इतना ही बतला दो प्रभु क्या खत्म हो गई लीज़। 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational