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Sumit. Malhotra

Abstract Action

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Sumit. Malhotra

Abstract Action

वो बचपन के दोस्त।

वो बचपन के दोस्त।

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बचपन में हम दोस्त साथ तो ख़ुश दिल मेरा, 

अब फोन पर बात हुई तो टूट गया दिल मेरा। 


वो बचपन के दोस्त, वो दोस्त ना हमें मिलते, 

अच्छा होता क्योंकि बात कर टूटा दिल मेरा। 


हम चारों दोस्त पढ़ते, दसवीं कक्षा तक साथ, 

बहुत साल बाद हम, मिले तो टूटे दिल मेरा। 


दो दोस्तों से बात हुई जान ख़ुश ये दिल मेरा, 

एक से लड़े, बात हुई बंद तो टूटे दिल मेरा। 


कोशिश बहुत की यारी हो चाहता दिल मेरा, 

घमंडी बहुत, यारी करें ना तो टूटे दिल मेरा।


सच ये प्यार नहीं दोस्तों के लिए जीवन मेरा, 

सच ये प्यार नहीं दोस्तों के लिए मरना मेरा। 


बेवफ़ा प्यार ना दोस्तों के साथ ख़ुशी से रहना, 

सच्चे दोस्त मेरे लिए जीवन में अमूल्य गहना।


दोस्ती मुबारक़ तो बुरी आदतों से सदा बचना, 

हर तरह के नशे से बचाकर यारी तो निभाना।


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