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Kuldeep kumar Pandey

Action

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Kuldeep kumar Pandey

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शान-ऐ-हिन्द झंडा

शान-ऐ-हिन्द झंडा

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मरते दम तक हम हिन्दुस्तानी,

यूपी, सिक्किम, राजस्थानी,

सिर भी कटे विजय रथ रुके रुकने न देंगें,

शान-ऐ-हिन्द झन्डे को

मरते दम तक झुकने न देंगे।


तीन रंग का अद्भुत संगम,

दमक रहा है नील गगन पर,

एक आँख भी विरुद्ध इसके भी

हम उठने न देंगे,

शान-ऐ-हिन्द झन्डे को

मरते दम तक झुकने न देंगे।


साहिल में हम हैं बैठे पर,

तूफाँ का है एहसास हमें,

हिन्दी हैं हम पूरे जि़द्दी,

ना एक कुतर्क है बर्दाश्त हमें,

मर के भी हम चन्द्रशेख़र की

आन को मिटने न देंगे,

शान-ऐ-हिन्द झन्डे को

मरते दम तक झुकने न देंगे।


है निज गौरव का एहसास हमें,

है हर हिन्दी पर विश्वास हमें,

हम आर्यवर्त के वीर सपूत

सिर अपना झुकने न देंगे,

शान-ऐ-हिन्द झन्डे को

मरते दम तक झुकने न देंगे।


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