STORYMIRROR

Kuldeep kumar Pandey

Inspirational

4  

Kuldeep kumar Pandey

Inspirational

शान-ऐ-हिन्द झडा

शान-ऐ-हिन्द झडा

1 min
356

मरते दम तक हम हिन्दुस्तानी,

यूपी,सिक्किम,राजस्थानी,

सिर भी कटे रुके रुकने न देंगें......(विजय रथ)

शान-ऐ-हिन्द झन्डे को मरते दम तक झुकने न देंगें।


तीन रंग का अद्भुत संगम,

दमक रहा है नील गगन पर,

एक आँख भी विरुद्ध इसके कभी भी हम उठने न देंगें,

शान-ऐ-हिन्द झन्डे को मरते दम तक झुकने न देंगें।


साहिल में हम हैं बैठे पर,

तूफाँ का है एहसास हमें,

हिन्दी हैं हम पूरे जि़द्दी,

ना एक कुतर्क है बर्दाश्त हमें,

मर के भी हम चन्द्रशेख़र की आन को मिटने न देंगें,

शान-ऐ-हिन्द झन्डे को मरते दम तक झुकने न देंगें।


है निज गौरव का एहसास हमें,

है हर हिन्दी पर विश्वास हमें,

हम आर्यवर्त के वीर सपूत सिर अपना झुकने न देंगें,

शान-ऐ-हिन्द झन्डे को मरते दम तक झुकने न देंगें


'


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational