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Kuldeep kumar Pandey

Action

4  

Kuldeep kumar Pandey

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भारत माँ का वीर

भारत माँ का वीर

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हैं अपने मंदिर के देव सभी,

अपने कुल के रखवाले।

अपनी मिट्टी के रक्षक हैं,

भारत माँ के सब प्यारे।


भारत माँ का हर वीर,

शौर्य व दृढ़ता की अप्रतिम गाथा है।

निश्चय जो किया,किया उसने,

फिर न पीछे मुड़ कर वह आता है


जाता है वह जो एक बार,

अरिदल को करके तार-तार,

दुश्मन में मचती हाहाकार,

जब रौद्र रूप दिखलाता है।


भारत माँ का हर वीर,

शौर्य व दृढ़ता की अप्रतिम गाथा है।

निश्चय जो किया,किया उसने,

फिर न पीछे मुड़ कर वह आता है


तेज़ से उनके सूर्य लजाता,

और चन्द्र से भी शीतल,

छूने से उनके हीरा बन जाता,

लोहा हो या हो पीतल।

दुश्मन को भी गले लगाकर,

वह शर्मिन्दा कर जाता है,


भारत माँ का हर वीर,

शौर्य व दृढ़ता की अप्रतिम गाथा है।

निश्चय जो किया, किया उसने,

फिर न पीछे मुड़ कर वह आता है।


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