धन्यवाद अध्यापक गण।
धन्यवाद अध्यापक गण।
जो हमें जीवन देते और गृहस्थी का पाठ पढ़ाते हैं,
वो हमारे घरेलू शिक्षक माता-पिता कहलाते हैं।
उस जीवन के कोरा कागज बिना काम के हैं हम,
जो उस कोरे कागज पर अपने गुणों और शिक्षा से अनमोल बनायेंगे।
ये वो अनुभव के है मेहनती और कर्मठी सिपहसालार,
इनके बताए पथ पर चलेंगे मानकर जो कहना।
सदा प्यार और इमानदारी और सच्चाई का साथ देना,
बैठकर बड़े पदों पर और बनाकर अपना व्यक्तित्व महान।
और जो हमारे व्यक्तित्व को एक नई दिशा दे महान बनाते हैं,
वही हमारे शिक्षक और गुरुजन कहलाते हैं।