बड़ी बात है
बड़ी बात है
चरित्र मे मेरे उंगली उठाये
मेरे लिए ये बड़ी बात होगी
जज़्बात मेरे उधेड़ के रख दे
डूब मरने की बात होगी।
सरल साधारण सी जिन्दगी जीता
ईमानदारी पर गहरी चोट होगी
नाप-तोल कर जिया जो जीवन
ना आडंबरो की बात होगी।
प्रेम भाव मै हृदय रखता
ये स्वार्थ की बात होगी
नीरस जीवन में रंग में भर दूँ
ये आघात, मेरे तह दिल पर होगी।
संगठित होकर चलने वाला
स्वार्थो की सौग़ात होगी
अपने काम से काम रखने वाला
ये उल्टी चरित्र पर बात होगी।
सुधर चलूँ मैं
ना गली मौहल्ले की बात होगी
जन्नत सी जिन्दगी जीता
हर क्षण खुशी की बात होगी।