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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Action Inspirational

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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Action Inspirational

जीवन में विकास

जीवन में विकास

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जीवन में हमारे तब ही होगा विकास,

जब करेंगे सतत् सुनियोजित प्रयास।

धारा अविरल तब ही बह पाएगी,

जन-जन में शुभ संस्कार की,

समस्या तब ही मिट पाएगी,

सारे ही संसार की।


इतने बड़े इस जगत में

काम खुद करने पर निश्चित है होता।

जिम्मेदारी समझकर जो निभाता,

जो करता न कुछ है समझौता।

लक्ष्य से न है विचलित जो होता,

संभावना फिर न रहती है हार की।


जीवन में हमारे तब ही होगा विकास,

जब करेंगे सतत् सुनियोजित प्रयास।

धारा अविरल तब ही बह पाएगी,

जन-जन में शुभ संस्कार की,

समस्या तब ही मिट पाएगी,

सारे ही संसार की।


सामाजिक विकास होगा तब ही,

हर आदमी जो इंसां बनेगा।

अपने ही तो हैं सब जगत में,

भाव ये हर दिल में जब पनपेगा।

स्वार्थ की भावना जब मिटेगी,

सरिता हर दिल में बहे जब प्यार की।


जीवन में हमारे तब ही होगा विकास,

जब करेंगे सतत् सुनियोजित प्रयास।

धारा अविरल तब ही बह पाएगी,

जन-जन में शुभ संस्कार की,

समस्या तब ही मिट पाएगी,

सारे ही संसार की।


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