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Phool Singh

Abstract Drama Action

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Phool Singh

Abstract Drama Action

सब खैरियत

सब खैरियत

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पूछते हो सब खैरियत

देखते नहीं क्या हकीकत है

मुसीबतों की झड़ी लगी है

अपनी तो यहाँ लगी पड़ी है।।


आंदोलन हैं पर गाँधी नहीं है

देश में हलचल मची पड़ी है

आंदोलनों की झड़ी लगी है

अपनी तो यहाँ लगी पड़ी है।।


जनता को तो चुनाव ने मारा

ठप्प हो गया काम हमारा

डीजल पेट्रोल की त्योरी चढ़ी है

अपनी तो यहाँ लगी पड़ी है।।


कहीं बैठे है अन्ना हजारे

रामदेव ने भी पैर पसारे

कालेधन पर होड़ लड़ी है

अपनी तो यहाँ लगी पड़ी है।।


जनता की जो आस जगी है

पर नेताओं की भी प्यास बढ़ी है

पानी बिजली की किल्लत से

योजनाएँ सारी ठप्प पड़ी है

अपनी तो यहाँ लगी पड़ी है।।


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