Neerja Sharma
Action Classics Inspirational
सीधी बात
आज के युग में
सीधी बात कहना
माना, नहीं है आसान,
पर क्या करें
लोगों को समझ
तभी आता है।
अगर समझाने का
यदि करें प्रयास
तो बात
ज्यादा उलझती कई बार।
अनुभव कहता
न ज्यादा दिमाग खपाओ
सीधी बात कहो
और पार हो जाओ।
नेत्र कलम
एहसास
रक्षाबंधन -मे...
रानी लक्ष्मीब...
खाली हाथ
सुखी परिवार
अवकाश (पंजाबी...
हमारी पृथ्वी
धरती माँ
समय
सृष्टि ये चलती तुझसे ही, देवों को भी रचती है तू, सृष्टि ये चलती तुझसे ही, देवों को भी रचती है तू,
तू शक्तिस्वरूपनी है, तू जगदम्बा है, तू जगा विश्वास, तोड़ हर बंधन के भाव। तू शक्तिस्वरूपनी है, तू जगदम्बा है, तू जगा विश्वास, तोड़ हर बंधन के भाव...
देखी हो ऐसी जगह तो ले चलो मुझे वहाँ यही एक आस है। देखी हो ऐसी जगह तो ले चलो मुझे वहाँ यही एक आस है।
वंदेमातरम का नित मैं गीत गाऊंगा, त्याग और सेवा से हर जन को जगाऊंगा। वंदेमातरम का नित मैं गीत गाऊंगा, त्याग और सेवा से हर जन को जगाऊंगा।
मुझे अपनो को समझाना है बस प्रेममय भारत बनाना है, मुझे अपनो को समझाना है बस प्रेममय भारत बनाना है,
करो तिलक अब पावन रज का, गीत गायों देशप्रेम का। करो तिलक अब पावन रज का, गीत गायों देशप्रेम का।
भूख रे भूख कैसी तेरी दुनिया अज़ब दिखे। भूख रे भूख कैसी तेरी दुनिया अज़ब दिखे।
दुर्धर्ष, प्रबल, घातक प्रहार वीरों के तन का है सिंगार । दुर्धर्ष, प्रबल, घातक प्रहार वीरों के तन का है सिंगार ।
करें खुद पर यकीन का बिगुल बजाएं अपनी खुशियां चलो बाँट आयें करें खुद पर यकीन का बिगुल बजाएं अपनी खुशियां चलो बाँट आयें
आज पहली बार चाय टेबल पर छोड़ दिया क्योंकि तुम मिलने को तैयार थी। आज पहली बार चाय टेबल पर छोड़ दिया क्योंकि तुम मिलने को तैयार थी।
जितना दफा तुम पेंच लड़ा लो आख़िर में तुम को भी मरना है। जितना दफा तुम पेंच लड़ा लो आख़िर में तुम को भी मरना है।
अनुभव कहता न ज्यादा दिमाग खपाओ सीधी बात कहो और पार हो जाओ। अनुभव कहता न ज्यादा दिमाग खपाओ सीधी बात कहो और पार हो जाओ।
अब तक न कोई बच पाया है और न बच पाएगा कभी। अब तक न कोई बच पाया है और न बच पाएगा कभी।
आदित्य वसुधा पर जीवन का आधार आदिकाल से इसे पूजता रहा है संसार। आदित्य वसुधा पर जीवन का आधार आदिकाल से इसे पूजता रहा है संसार।
एक के बदले सौ काटूंगा, या अपना शीश कटा दूंगा। एक के बदले सौ काटूंगा, या अपना शीश कटा दूंगा।
पर्यावरण दिवस पर बेजुबां प्राणी का प्रश्न, ये आदमी क्योंं अब जानवर हो गया। पर्यावरण दिवस पर बेजुबां प्राणी का प्रश्न, ये आदमी क्योंं अब जानवर हो गया।
सच बोलने से बढ़ता जाए जब मुसीबत, ईमानदार पत्रकार पर लगे तब तोहमत सच बोलने से बढ़ता जाए जब मुसीबत, ईमानदार पत्रकार पर लगे तब तोहमत
दिल करता है मन की सभी अभिलाषाएँ पूरी करूँ, मन चाहता है, अपनी खुशियों के पल खुद बुनूँ , दिल करता है मन की सभी अभिलाषाएँ पूरी करूँ, मन चाहता है, अपनी खुशियों के पल खु...
और जो हमारे व्यक्तित्व को एक नई दिशा दे महान बनाते हैं, वही हमारे शिक्षक और गुरुजन कहल और जो हमारे व्यक्तित्व को एक नई दिशा दे महान बनाते हैं, वही हमारे शिक्षक और ग...
क्योंकि एक आर्ट गैलेरी सी ‘दर्पण’ जो तुम हो। क्योंकि एक आर्ट गैलेरी सी ‘दर्पण’ जो तुम हो।