अब दहाडो
अब दहाडो
जागो हे नर अब तो जागो
नारी रक्षार्थ अब तो जागो
सिसक सिसक कर रोती नारी
बंद हो ये अत्याचार भारी
कुछ तो अब तुम चुप्पी तोड़ो
दुष्टो को समूल उखाड़ो
पुरुषार्थ कुछ आज दिखा दो
सम्मान आज पुनः दिला दो
रक्षा हेतु राम बन जाओ
हर रावण को सबक सिखाओ
सत्ताधारी तुम भी जागो
कर्तव्य से तुम यू न भागो
रक्षा हर नारी की हो,
कर्तव्य ये तुम्हारा है
तुम पर ही टिका,
ये समाज सारा हैं।
हर नारी को जागना होगा,
सबक रावण को सीखना होगा,
अबला नही सबला है तू
कर सकती हर काज तू
तो गढ़ एक सुरक्षित समाज,
जहाँ तुझ न कुदृष्टि हो,
न कोई आरोप हो,
हर नारी ही नारी की
रक्षा हेतु तैयार हो,
न रुकना है, न थकना है,
समाज हमे बदलना है,
करुणा हृदय में रख,
दहाड़ना पड़ता हैं,
जब सामने राक्षस बन
कालनेमि आ खड़ा होता है
जाग जाग हे भारत की नारी,
तू शक्तिस्वरूपनी है,
तू जगदम्बा है,
तू जगा विश्वास,
तोड़ हर बंधन के भाव।