मैं मनाऊं होली किसके संग
मैं मनाऊं होली किसके संग
हर कोई गा रहा है ; महका आज सारा चमन है
जिधर देखो हर तरफ उड़ रहा रंग है
कहीं ढोल तो कहीं बज रहा चंग है
मैं मनाऊं होली किसके संग
तुम बिन सूखा मेरा अंग है।
हर कोई मन मगन है ; रंग से रंगा सारा गगन है
गली गली में बरस आज रहा रंग है
रंग लगा के बना हर कोइ मलंग है
मैं मनाऊं होली किसके संग
तुम बिन सूखा मेरा अंग है।
नयना तड़पा रही है ; ह्रदय में लगी आज अगन है
जीया जलता फीका पड़ रहा रंग है
सूना है घर सूना मेरा पलंग है
मैं मनाऊं होली किसके संग
तुम बिन सूखा मेरा अंग है।
झूम रही नगरी सारी ; गांव आज मस्ति में मगन है
छोरा छोरी उड़ाता आज रंग है
देवर भाभी में देखो लगी जंग है
मैं मनाऊं होली किसके संग
तुम बिन सूखा मेरा अंग है।