मां
मां
आंसू हटा के आंख जो खोली
तेरा चेहरा नज़र आया
ओ मां तेरे कदमों में मुझे मेरा नसीब नज़र आया।
सागर उफ़न गया कश्ती डगमगा गई
मेरा सब हुनर कोई काम ना आया
तेरे कदमों में देखा तो किनारा नज़र आया
ओ मां तेरे कदमों में मुझे मेरा नसीब नज़र आया
आंसू हटा के आंख जो खोली तेरा चेहरा नज़र आया ।
चल रहा था मैं कोई सहारा ना था,
जीवन में अंधेरा ही अंधेरा था छाया
तेरा चेहरा याद किया तो रोशनी का सितारा नज़र आया
ओ मां.............
आंसू हटा के आंख जो............
बहुत विरान है जीवन की डगर
ममता कहां ? सब है माया
तेरी कब्र पे आया तो सुकुन का समंदर नज़र आया
ओ मां............
आंसू हटा..........