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Arunima Bahadur

Tragedy Action Inspirational

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Arunima Bahadur

Tragedy Action Inspirational

उदासी और कर्तव्य

उदासी और कर्तव्य

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हाँ, उदास हूँ मैं,

कुछ खुद में भी हारा हूँ मैं,

पर भारत माँ का प्यारा हूँ मैं,

सोचता हूँ कि क्या करूँ,

कैसे अपनी पीड़ा हरूँ,


माँ तेरी ममता पुकारती हैं,

हमसफर तेरी याद भी सताती हैं,

बच्चो की किलकारी मुझे बुलाती हैं,

पापा तेरी बेबसी भी याद आती हैं,

बहना के घर बसाने की याद दिलाती हैं,

लगता हैं अभागा हूँ,


क्या मैं कर्तव्यों से दूर भागा हूँ?

परिवार का साथ देना भी मेरा काज हैं,

पर मुझे तुम सब पर भी नाज़ हैं,

जो कष्ट सहकर भी,मुझे कर्तव्य सिखाते हो,

पर मुझे मन ही मन बहुत रुलाते हो,

चाहता हूँ संग तुम्हारा,


पर मैं माँ भारती का बेटा प्यारा,

न छोड़ सकता कर्तव्य का साथ,

मुझे चुकाना माँ भारती का कर्ज आज,

मैं रहूँ या न रहूँ,

माँ भारती का सम्मान रहना चाहिए,

त्याग, तप,सेवा से तिरंगे का मान रहना चाहिए,

बन जाओ सब मेरी प्रेरणा आज,


देशभक्ति से पूरित हो हर काज,

अपने कण कण से धरती का कर्ज चुकाऊंगा,

वीर जवान कहलाकर तुम सबका मान बढ़ाऊंगा,

कष्टों की हर वेदी पर

मैं खुद ही चढ़ता जाऊंगा,


अपनी माँ भारती के कष्टों को मिटाऊंगा,

वंदेमातरम का नित मैं गीत गाऊंगा,

त्याग और सेवा से हर जन को जगाऊंगा।


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