मैं फौजी बन जाऊंगा
मैं फौजी बन जाऊंगा
माँ ,मुझे भी वर्दी ला दो,
मैं फौजी बन जाऊंगा।
चुन चुन दुश्मन को मारूँगा,
मैं तिरंगा फहराउंगा,
दे देना एक बन्दूक मुझे भी,
जिसमे बारूद न भरती हो,
मैं तो उसमें रंग भरूँगा,
बासंती सबको बनाऊँगा,
है बड़ा अनोखा रंग बासंती,
कर्तव्य याद दिलाता है,
त्याग ,तप,तितिक्षा से,
मन दर्पण सजाता है,
प्रेम और सौहार्द से
दिलों को मिलाता हैं,
हम सब भारत के वीर ,
हर कदम फिर संग चलेंगे,
धूप हो या छांव हो
एकात्म भाव मे रहेंगे।
मा अब बस बना दो फौजी,
मुझे अपनो को समझाना है
बस प्रेममय भारत बनाना है,
बस प्रेममय भारत बनाना है।
