इक बार युद्ध हो जाने दो
इक बार युद्ध हो जाने दो


अब बहुत हो गया
असहनशील हो जाने दो,
मानवता की बातों को
तूफानों में उड़ जाने दो।
पल पल लड़ रहे
इक बार युद्ध हो जाने दो,
हो जो भी अंजाम
दुश्मन को उसकी औकात दिखाने दो।
वे स्वतन्त्र होकर लड़ रहे
हमें भी स्वतंत्र हो जाने दो,
भारत माँ के चरणों में
श्रद्धा से शीश झुकाने दो।
दुश्मन हर तरफ से घेर रहा
हमें दरिया बन जाने दो,
क्या रहेगी हस्ती उसकी
स्वतन्त्रता से मौजों को उठ जाने दो।
डर क्या दुश्मन का
सिर पर कफन बंध जाने दो,
चाहें बह जाए खून की नदियां
देश शांति का दूत बन जाने दो।
युद्ध ही शांति का दूत बनेगा
युद्ध का आगाज हो जाने दो,
छोड़ दो मानवता की बातें
इक बार युद्ध हो जाने दो।