एक तलाश
एक तलाश
जहाँ अफ़साने लिखें न जाए किसी लाल स्याही से
जहाँ मासूमों की आँखें कभी नम न हो कोई गम से
जहाँ हर नारी रात के अँधेरे में बेझिझक चल सके
जहाँ बेटी को डूबोया न जाए दूध से भरे तालाब में
जहाँ खेत, गलियां भरे हो लहलहाते हरे भरे पेड़ से
जहाँ न हो किसीकी दर्द भरी गुहार, न कोई बिलखे
जहाँ धर्म के ठेकेदार धर्म के नाम पर किसको न लूटे
जहाँ कोई स्वार्थी राजनेता जनता से न करे झूठे वादे
ढूंढ रही हूँ ऐसा शहर, देश बस यही मेरी एक तलाश है
देखी हो ऐसी जगह तो ले चलो मुझे वहाँ यही एक आस है।
