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Gajendra Singh

Action

4.9  

Gajendra Singh

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सरहदें

सरहदें

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जवानों के प्राणों के

बलिदान की कहानी है, 

ये सरहदें।


इंसानो के हैवानियत की

निशानी है,

ये सरहदें।


कई घरों के

तबाही की कारण है,

ये सरहदें।


आखिर क्यूँ है ?

ये सरहदें।


कभी सोचता हूँ,

मातृभूमि के रक्षण की

प्रतीक है, 

ये सरहदें।


कभी सोचता हूँ

विजय-पराजय के लिए

लड़ी जाने वाली रण भूमि है,

ये सरहदें।


आखिर क्यूँ है ?

ये सरहदें।


जवानों के शरीर से

बहे कतरे-कतरे

रक्त की कर्जदार है,

ये सरहदें।


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कभी सोचता हूँ,

बंदिश-ए-इख़्तियार

का अन्जाम है,

ये सरहदें।


आखिर क्यूँ है ?

ये सरहदें।


कभी सोचता हूँ,

मानव द्वारा निर्मित

शांति-अमन की प्रतीक है,

ये सरहदें।


कभी सोचता हूँ,

खुदा द्वारा दिया गया

खूबसूरत-सी नज़्म है,

ये सरहदें।


आखिर क्यूँ है ?

ये सरहदें।


कायनात में लोगों के

अधूरी मुराद की तशरीह है,

ये सरहदें।


धरती माता के सीने पर

खींची हुई एक लकीर है,

ये सरहदें।


आखिर क्यूँ,

क्यूँ, क्यूँ है ?

ये सहरदें।


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