मैं एक इंसान हूँ।
मैं एक इंसान हूँ।
मैं ना हिंदू , ना मुस्लिम, ना ईसाई हूँ
मैं एक इंसान हूँ।
मेरा कोई मजहब नहीं,
मैं तो बस यूँ ही बदनाम हूँ।
पहचान मेरी मानवता हैं,
धर्म और जाति में मुझे बांटा है ,
मजहब के नाम पर मुझे काटा है।
स्वांस है तो मैं हूँ, मैं खुद में नश्वर हूँ
मैं ना हिंदू , ना मुस्लिम, ना ईसाई हूँ
मैं एक इंसान हूँ।
