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shubham s. jaiswal

Action

5.0  

shubham s. jaiswal

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दहशतखोर का बेड़ा गर्क

दहशतखोर का बेड़ा गर्क

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जहन्नुम दुनिया को बनाकर,

जन्नत की क्या सैर करेगा,

मासूमों की क्या हत्या कर,

आसमानी ख्वाब बुनेगा,


सच है, कि नीच तू,

आतंक का, है बीज तू,

नापाक है, तेरे कर्म,

शौक-ए-गुनाह, तेरा धरम,


बारूद तेरी करे कत्ल-ए-आम,

क्या होता नहीं ये भी हराम,

कैसा तेरा है जिहाद जो,

बदनाम करे इस्लाम को,


तू है कलंक तू सर्प-डंक,

ईमान तेरा गिरवी है रंक,

गुमराह राही तेरा है शबाब,

तेरी अक्ल खोटी नीयत खराब,


तू घर का है, न घाट का,

किसी मुल्क न, खानदान का,

आतंकियों के जमात का,

हैवानियत का तू रहनुमा।


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