शौकीन
शौकीन
ग़मगीन ज़िन्दगी को जो बनाएँ रंगीन
उन शामों का हूँ शौकीन।
नूर-ए-माहताब की ठंडक से रूह हो जाए बेहतरीन
उन शामों का हूँ शौकीन।
खूबसूरती की एक झलक ही दिल का चैन ले छीन
उन शामों का हूँ शौकीन।
बयाँ होती हया को कर महसूस लब कहे आफ़रीन
उन शामों का हूँ शौकीन।
आँखें नशीली आँखों की मस्ती में हो जाएँ लीन
उन शामों का हूँ शौकीन।
मीठी मीठी बातों के दरमियाँ कुछ बातें हो नमकीन
उन शामों का हूँ शौकीन।
सौंधी साँसों की खुमारी में तर हो जाएँ अर्श-ओ-ज़मीन
उन शामों का हूँ शौकीन।
चंद लम्हों की मुलाक़ात मगर जैसे ख़्वाब कोई हसीन
उन शामों का हूँ शौकीन।

