shubham s. jaiswal

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भगिनी

भगिनी

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ऋतुनाथ-वसन्त में मन्त्रमुग्ध

नव सुमन शिशु पिये श्वास दुग्ध

हर्षित गृहस्थ ब्रह्माण्ड मुदित

उद्धारक तारक अर्क उदित


कञ्चन कुण्डल कुञ्चित कुन्तल

हिलकोरे व विडालाक्ष विमल

शृङ्गार श्रोण मञ्जुल श्यामल

यह धीर धुनी बहती कलकल


प्रतिभामुख भावुक कर्मनिष्ठ

स्वाभिमानी साहसी इष्ट शिष्ट

अति क्रोधित हो तो मौन धरे

विद्रोह अधर्म विरुद्ध करे


मनोरञ्जक व्यञ्जक हाव-भाव

है नृत्य प्रति दर्शित लगाव

मोहक मुद्रा अद्भुत अभिनय

नवरस रस में अनुजा तन्मय


श्रावण-कन्या श्रेया श्रेयसी

का नाद मनोहर मधुर श्रुति

प्रतिमा श्रद्धा की लाड़ो चिरई

सङ्गीता-नन्दिनी विनोदिनी



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