मुखौटे
मुखौटे
मुखौटे भी अजब हैं दोस्तों,
मुखौटे भी गजब हैं दोस्तों।
मुखौटे सिर्फ दो ही हैं दोस्तों,
अच्छे और बुरे।
दो मुखौटों पर ही
ये दुनिया चल रही है।
हम सब मुखौटे ही तो हैं,
कौशल्या माता ने सुमाता का,
राम ने सुपुत्र का,
सीता माता ने सतित्व का,
लक्ष्मण ने भाई का,
तो भरत ने त्याग का परिचय दिया।
ये मुखौटे ही तो हैं,
दोस्तों जो हमे प्रेरणा देते हैं।
झांसी की रानी लक्ष्मीबाई
शहीद होकर हमारी बहनों में
शक्ति की प्रेरणा बनकर जीती है।
शहीद भगत सिंह, आजाद
हमारे भाइयों में निडरता
बनकर जीते हैं।
कुछ लोग इस देश को
खण्ड
खण्ड करने को
उकसाते हैं,
वहीं सरदार वल्लभभाई
इस देश को एक कर
अमर हो जाते हैं।
कुछ लोग इस देश को
लूट लेना चाहते हैं,
वहीं लालबहादुर शास्त्री
अपना ऋण चुकाते
शहीद हो जाते हैं।
कुछ लोग धर्म के नाम पे
शक पैदा करते हैं,
वहीं कलाम, मिसाइल मैन बनकर
मिसाल बन जाते हैं।
कुछ लोग सेना पर
सवाल उठाते हैं,
वहीं प्रधानमंत्री स्ट्राइक करके
आलोचकों को चुप कराते हैं।
कुछ लोग सेना में धर्म लाते हैं,
वहीं अब्दुल हमीद 1965 में
और हुस्सैन हरा कपड़ा बांधकर
कारगिल विजय कर
गद्दारों को चुप कराते हैं।