प्रेमविहीन जीवन
प्रेमविहीन जीवन
जब लिखने के लिए कलम उठाई ,
बाहर से ,
और भीतर से ,
कई आवाज़ें आयी ।
लिखना है तो ,
कुछ प्रेम पर ही लिखना ,
क्यूँकि जनता प्रेम पर ही पढ़ना चाहती है ,
चाहे कोई गीत,
या कोई कविता ,
या हो कोई कहानी ।
जीवन में जिसे पाना सबसे मुश्किल है ,
