चाँद के अक्स में, इक चेहरा धुंधला सा है बुझे हुए प्यार से फिर, उठता आज धुँआ सा है… चाँद के अक्स में, इक चेहरा धुंधला सा है बुझे हुए प्यार से फिर, उठता आज धुँआ स...
मेरे होंठों पर गीतों में तेरे अल्फ़ाज़ है मेरे होंठों पर गीतों में तेरे अल्फ़ाज़ है
लिखने को जब वो कहता है तो शब्द मेरे निकलते हैं लिखने को जब वो कहता है तो शब्द मेरे निकलते हैं
कई रंगों की रंगोली से, जगह-जगह सुंदरता बनी हुई है।। कई रंगों की रंगोली से, जगह-जगह सुंदरता बनी हुई है।।
हिंदी है श्याम नारायण की, रक्त - सरोवर हल्दी घाटी में। हिंदी है श्याम नारायण की, रक्त - सरोवर हल्दी घाटी में।
जो जले किन्तु फिर बुझे नहीं वह ज्योति जगाने का मन है। जो जले किन्तु फिर बुझे नहीं वह ज्योति जगाने का मन है।