गाँवों की वो सरलता कहां से मैं लाऊँ गाँवों की वो सरलता कहां से मैं लाऊँ
इस समाज ने तो नारी को समझ लिया खिलवाड़ है इस समाज ने तो नारी को समझ लिया खिलवाड़ है
कई रंगों की रंगोली से, जगह-जगह सुंदरता बनी हुई है।। कई रंगों की रंगोली से, जगह-जगह सुंदरता बनी हुई है।।
कूड़ा कूड़ेदान में डालेंगे, सड़कों को हम चमका आएंगे। कूड़ा कूड़ेदान में डालेंगे, सड़कों को हम चमका आएंगे।
कभी पुलिस ने खाने कमाने का नया ढंग निकाला है, न पहनने के कितने बाहने बनाते । कभी पुलिस ने खाने कमाने का नया ढंग निकाला है, न पहनने के कितने बाहने बनाते ।
देखो मानवता है शर्मसार मैं करता हूँ सीधी बात देखो मानवता है शर्मसार मैं करता हूँ सीधी बात