रंग सुनहरा निखरा है धरती की प्याली का ऐ कुदरत तेरा शुक्रिया जो फैलाया आँचल हरियाली का। रंग सुनहरा निखरा है धरती की प्याली का ऐ कुदरत तेरा शुक्रिया जो फैलाया आँचल हरिय...
हम तो अकेले थे बने रहने देते अधूरा साथ मुझको देते क्यों रहे। हम तो अकेले थे बने रहने देते अधूरा साथ मुझको देते क्यों रहे।
धैर्य रखो खुद को सुधारो वो सबकी खैर करता है। धैर्य रखो खुद को सुधारो वो सबकी खैर करता है।
तो सोचो क्या होगा कल्पना करो कोरोना के रुप में। तो सोचो क्या होगा कल्पना करो कोरोना के रुप में।
सृष्टि की मार, बस रह जाएगी आपदाओं से एक विरानी ! सृष्टि की मार, बस रह जाएगी आपदाओं से एक विरानी !
हे मानव ! विनती है ये तुझसे ना कर दुश्कर्म, ना बढ़ा पाप, और ही ना कर खिलवाड़। हे मानव ! विनती है ये तुझसे ना कर दुश्कर्म, ना बढ़ा पाप, और ही ना कर खिलवाड़...