मेरे होंठों पर गीतों में तेरे अल्फ़ाज़ है मेरे होंठों पर गीतों में तेरे अल्फ़ाज़ है
सोते समय लिपट मेरे तन से मेरी नींद उड़ाती है।। सोते समय लिपट मेरे तन से मेरी नींद उड़ाती है।।
लरजते अधरों पर, खनकती चूड़ी और छनकती पायल पर उकेरते हो अपनी कविता लरजते अधरों पर, खनकती चूड़ी और छनकती पायल पर उकेरते हो अपनी कविता
गजरा केशों में सजाई है । देखो सांझ की बेला आयी है । गजरा केशों में सजाई है । देखो सांझ की बेला आयी है ।