तूने दी आवाज़
तूने दी आवाज़
घने केशों में सुरभित तेरा गुलाब है
मेरे होंठों पर गीतों में तेरे अल्फ़ाज़ है
मुड़कर देखती हूं तुझे हर आहट पर
लगता है जैसे मुझे तूने दी आवाज़ है।
घने केशों में सुरभित तेरा गुलाब है
मेरे होंठों पर गीतों में तेरे अल्फ़ाज़ है
मुड़कर देखती हूं तुझे हर आहट पर
लगता है जैसे मुझे तूने दी आवाज़ है।