तुम्हारा साथ में होना
तुम्हारा साथ में होना
वो बारिशें कुछ खास थीं ,
जिसमें हम छतरी पास होते हुए भी बेवजह भीग जाते थे ,
अब भी बारिशें होती हैं ,
लेकिन हम भीगते नहीं ।
वो बातें भी कुछ खास थी ,
जिन पर हम सिर्फ मुस्कुराते ही नहीं बेवजह ठहाके लगाते थे ,
अब भी बातें होती हैं,
लेकिन हम मुस्कुराते नहीं ।
वो राहें भी कुछ खास थीं,
जिन पर
हम सिर्फ मंजिल मिलने की परवाह किये बिना बेवजह चलते रहते थे,
अब मंजिल सामने है ,
लेकिन हम चलते नहीं ।
न बारिशें खास थी ,
न बातें खास थी और ,
न ही राहें खास थी ,
तुम्हारा होना खास था ।
कुछ भी बेवजह नहीं था ,
न ही भीगना ,
न ही हँसना ,
और न ही चलना ,
सबकी एक वजह थी ,
तुम्हारा साथ में होना ।