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डा.अंजु लता सिंह 'प्रियम'

Inspirational

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डा.अंजु लता सिंह 'प्रियम'

Inspirational

अमृत महोत्सव

अमृत महोत्सव

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आजादी का पचहत्तरवां साल-

मन खुशियों से मालामाल,

अच्छे दिन आ पहुंचे हैं अब-

उन्नत भारत मां का भाल।


खेल, स्वास्थ्य, चिकित्सा, सेना-

सब क्षेत्रों में रहते अव्वल,

मेरी पुण्य मातृभूमि पर-

नारी मचा रही अब हलचल।


शैशव में कंजक कहलाती-

देवी सा सम्मान है पाती,

प्रगति-पथ पर चली जा रही-

बेटी जग की शान कहाती।


गांव, शहर सब बदल गए हैं -

घूम रहा विकास का पहिया,

शिक्षा, बिजनेस और बिजली ने,

झंडे गाड़ दिये हैं भैया।


स्वच्छ सार्वजनिक स्थल सारे-

सड़कें, बाग-बगीचे सुंदर,

परिवेश परिवर्धित सारा-

सुख-संपदा देश के अंदर।


पर्यावरण संवारो अपना-

प्यारे पशु-पक्षी लो पाल,

कीट-पतंगे घूमें निश-दिन-

मधुरिम हों दिन, मोहक साल 



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