कर्तव्य
कर्तव्य
शौर्य गाथा बहुत सुनी तूने,
अब शौर्य दिखाने का समय आ गया हैं,
जा बेटा अब जा तू,
माँ भारती का बुलावा आया गया हैं,
रख आज भारत माँ की लाज,
तिरंगे के सम्मान बढ़ाने का
समय आ गया हैं,
मत सोचना, मैं यहाँ अकेली,
तेरे कर्तव्य का
समय आ गया है,
न देख तू मुड़कर पीछे,
माँ की लाज रखने का
समय आ गया है
जन्मभूमि का कर्ज अमूल्य,
कुछ अंश चुकाने का
समय आ गया हैं,
देख कष्ट माँ भारती का,
अब अस्त्र उठाने का
समय आ गया है,
चल उठ ले सिंह दहाड़,
दुश्मन को जड़ से उखाड़ने
का समय आ गया है,
करती हूं मैं विजय तिलक,
रणभूमि पर न्योछावर होने
का समय आ गया हैं,
न रुकना, न घबराना
शत्रु को पछाड़ने का
समय आ गया हैं,
सुन बेटा एक बात भी सुन ले,
भय तू तनिक न लेना,
दूध का कर्ज उतारने का
समय आ गया है,
जा अब तू जीत कर आना,
तिरंगा फहराने का
समय आ गया हैं।।
