नफ़रती बोलियों से फैलाते हैं ज़हर नेता, भाईचारे का पौधा उखाड़ चुके हैं नफ़रती बोलियों से फैलाते हैं ज़हर नेता, भाईचारे का पौधा उखाड़ चुके हैं