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पौरूष परिहार

Romance Tragedy

5.0  

पौरूष परिहार

Romance Tragedy

त्याग

त्याग

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जितनी जोर-शोर से आया था

तेरी खुशियों में

उतनी ही खामोशी से

तेरे गम लिये जा रहा हूँ।


तुझे लगे दुआ मेरी

मै तेरी बलायें लिये जा रहा हूँ

चेहरे पर तेरे छलकेगी जो खुशी

वो एहसास दिये जा रहा हूँ।


तेरी उम्र हो लम्बी

इसलिये नाम तेरे

हर साँस किये जा रहा हूँ।


ना तुम उदास हो कभी

तुमसे एक वादा

ऐसा लिये जा रहा हूँ।


बाद मेरे जाने के

कोई ना सताये तुम्हे

ऐसा मैं सबसे कहे जा रहा हूँ।


तेरे होठों से कभी

मेरा नाम न गुम हो

कि कुछ ऐसी निशानी

दिये जा रहा हूँ।


नाम तो तेरे वफा ही रहेगी

कि बदनामी,

बेवफाई तो मैं लिये जा रहा हूँ।


जितनी जोर-शोर से

आया था तेरी खुशियों में

उतनी ही खामोशी से

तेरे गम लिये जा रहा हूँ।।


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