कर्म
कर्म
तन हल कर, मन बैल बना
लहलहायेंगे तेरे भी सपने।
धर धैर्य, दे बीज विश्वास का
होंंगे अंकुर (कर्म फल) घने।
तन हल कर, मन बैल बना
लहलहायेंगे तेरे भी सपने।
धर धैर्य, दे बीज विश्वास का
होंंगे अंकुर (कर्म फल) घने।