सरस्वती वन्दना
सरस्वती वन्दना
है ज्ञान कि देवी ,है माँ शारदे
मैं अज्ञानी बालक माँ ,तु तार दे
लय-ताल चौपाई छन्द दे.
प्रवाहदि , व्याकरण, निबन्ध दे ।।
है ज्ञान कि देवी ,है माँ शारदे ।
भावों को मेरे ऐसे बद्वं दे
बजा वीणा , कर झंकृत ,माँ विचार दे
है ज्ञान कि देवी ,है माँ शारदे ।।
है ज्ञान कि देवी ,है माँ शारदे
लेखनी मे शक्ति ,मन मे भक्ति
विश्वास मे चमत्कार ,शब्दों मे आचार दे
है ज्ञान कि देवी, है माँ शारदे
मैं अज्ञानी माँ ,तु तार दे
है ज्ञान कि देवी, है माँ शारदे।।