वन्दे वागीश्वरी
वन्दे वागीश्वरी


वन्दे वागीश्वरी
कमलपुष्प आसीना हंसवाहिनीं
श्वेतवसना मंजुल वीणाधारिणीं
विमल सद् बुद्धि प्रदायिनीं
भगवति देवी सरस्वतीं नमाम्यहम्।
त्रिदेव वन्दिता देवी
सर्व लोक पूजिता देवी
मनोहर कान्तियुता देवी
कुरु कृपा सदा देवी।
तव चरणों में समर्पित सादर,
मेरी ये भावभरी पुष्पॉंजलि।
दिव्य प्रकाश का हो स्फुरण
बने जो जीवन सम्बल अक्षुण्ण।