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Pinky Ashku

Classics

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Pinky Ashku

Classics

कुछ लकीरें कागज़ पर

कुछ लकीरें कागज़ पर

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कुछ लकीरें कागज़ पर 

दे जाती हैं यादें,

खोल देती हैं

कोई अनकहे राज, 

कुछ अनकहे शब्द

जो हम कह न सके। 


लोग चले जाते हैं

रह जाते हैं पन्ने,  

रह जाती हैं यादें 

रह जाता है वह पल;

बस पन्ने बनकर। 


कह जाती है

कुछ अधुरी कहानी, 

बनकर पन्ने कह

जाते हैं बहुत कुछ;

लोग मिट जाएँगे

रह जाएँगे उनके काम

पन्ने में लकीरें बनकर।


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