शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
ज्ञान, इल्म और बुद्धि
गुरु उस्ताद की देन
कैसे बच्चे समवृध बने
लगे रहे दिन रैन
मां के रूप में ज्ञान मिला
चलना बोलना सिखाया
पिता ने परिपक्व बनाया
गुरु जो है दोयम(दूसरा)
तीसरे गुरु ने लिखना पढ़ना
अच्छा सलीका सिखाया
तभी तो गुरु का दर्जा
भगवान के पहले आया
चौथा गुरु समाज बना
जिसने जीवन जीना बतलाया
अच्छे बुरे का पहचान मिला
तब हर हालात से लड़ना आया
पचवे गुरु खुद ही बन बैठे
करते रहे खुद मनथन
वाह वाह मिला तो क्या बात है
धिक्कार मिला तो करने लगे क्रंदन
सब ने अपना काम किया
अच्छाई ही सिखाया
दे उपदेश और ज्ञान
बुराई से दूर हटाया
आगे क्या कहना
आप सोचिए आपने क्या पाया
शिक्षक दिवस पर गुरु बंदना
क्या आप ने गाया।