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mohammad imran

Inspirational

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mohammad imran

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दहेज की आग

दहेज की आग

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लाल जोड़ा और चूड़ी कंगन साथियों

खिल खिला उठी है देखो चमन साथियों 


चार पैसे के लालच ने क्या कर दिया

एक मासूम लिपटी कफ़न साथियों


दोष क्या था बताओ ये हालत हुई

तुम को कैसी थी उससे जलन साथियों


जिंदगी को जो उसके फना कर दिया

लालच से भरा नही जो मन साथियों


सर्मो हया बेच कर खा गाए

सोचा नहीं तुम्हारी भी है बहन साथियों


आंख की लालिया खून टपकते रहे

लानत का किया तुमने करम साथियों


दुनिया है बदली बदला जमाना 

निजाम बदलो मांगे वतन साथियों।


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