एक प्रार्थना समर्पित करता हूं
एक प्रार्थना समर्पित करता हूं
ईश्वर तेरे चरणों में नतमस्तक हैं हम बच्चे।
दिल हमारे पाक हो बने रहे हरदम सच्चे।।
बुराई से बचे रहे अच्छाई हमारे कर्म रहे।
मातृ भूमि और मात-पिता की सेवा हमारा धर्म रहे।।
अडिग रहे अपने प्रण में जब तक सांसों में सांस हो।।
मंजिल जब तक मिले नही तब तक हमारी तलाश हो।।
रुके नहीं थके नही ऐसे ऊर्जा का संचार कर।
सरफरोश रहे हमेशा कृपा पालन हर कर।।
बल बुद्धि और विधा का हमको तू वरदान दे।
कर्म हमारे सुंदर हो समाज में हमे सम्मान दे।।
छल,कपट,द्वेष,और लालच पास हमारे ना भटके।
विपदा हो परेशानी हो मुकाबला करे हम डट के।।
गुरुजनों,बड़े बुजुर्गो के प्रति आदर हमारे भाव हो।
संबृद्ध करे कौशलता से सहर हो या गांव हो।
ईश्वर तेरे चरणों में नतमस्तक हैं हम बच्चे।
दिल हमारे पाक हो बने रहे हरदम सच्चे।।