खुदा से प्रेम करो फरेब से नहीं
खुदा से प्रेम करो फरेब से नहीं
सच को झूठ से बदलते देखो
लोगो को पानी पर चलते देखो
खुद को ही खुदा बता कर
भोले भले लोगों को छलते देखो
वर्तमान का पता नहीं
भविष्य बताने को मचलते देखो
क्या पढ़ा लिखा क्या अनपढ़
सबको फरेबों पर उछलते देखो
माना दुख है सता रही है
पर लोगों का विश्वास बदलते देखो
भूल गए उस रब को मानव, मानव पूज रहा
दुकान सजा कर बैठे उनके हुज्रे को चलते देखो
दिन धर्म सब ताक पे धर के
भभूत और दम कराते हो
पाखंड फरेब के चक्र में पड़ के
उस असली खुदा से मुंह फिराते हो
धन धर्म जो लूट रहे है
उनको फलते फूलते देखो
सच को झूठ से बदलते देखो
लोगों को पानी पर चलते देखो।