प्रवासी असमर्थ है
प्रवासी असमर्थ है
मैं अगर भेज पता तो कुछ
अपनी उपस्थिति भेजता
तुमसे दूर रहकर गुजरने वाले
सारी परिस्थिति भेजता
रातों की तन्हाई और बेचैनी
अकेले में सांसों की आवाज
की सारी मुफलिसी भेजता
दूरियों का दर्द जिसकी
प्यारी सी दवा भेजता
सर्द रातों की ठिठुरन
से निजात पाने की स्थिति भेजता
तुम्हारे आंखो में इंतजार की झुरिया
पास रहकर उसकी कमी भेजता
तुम्हारे दिल को मायूस न होने की
प्यारी सी अपनी दिल्लगी भेजता
विदेश की जिंदगी पैसे की लालसा
जवानी दिन रात ना ढलने की खुशी भेजता
मेरी चाहते बहुत है मुझे माफ करना
गर तंग हाली ना होती तो पूरी जिंदगी भेजता
आज मैं असमर्थ हूं इन सवालों के जवाब दूँ
साथ मिला दूसरे जन्म में, इन हालातों की रूकसती भेजता।