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mohammad imran

Abstract

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mohammad imran

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जोशीमठ

जोशीमठ

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झरते आंसुओ के कतार में

पहाड़ों में बढ़ते दरार देखो

सब लूट जाएगा जमीदोज होगा

सदमे में पड़े परिवार देखो 

कैसी थी विकाश नीतियां हाकिम की

सब रो रहे जारो केतार देखो 


बीत गई जिंदगी एक एक ईट जोड़ते

अब आसरा नहीं तो हकीमों के विचार देखो

नियति तूने किया या करतूत किसी और का है

आंखो के सामने टूटता घर वार देखो 


या मालिक जग के रखवाले 

दुआ सुनले सब बिखरने को त्यार देखो

हमारे मुस्तकबिल को यू ना तोड़ 

इसके सिवा अपना नही कुछ यार देखो


रोक ले अपने कहर को वक्त रहते

हमे बक्स दे हाथ जोड़े तयार देखो

सुना है तू बदल देता है पल में सब 

हे ईश्वर जोशीमठ का कोई उपचार देखो।

आइए हम सब मिलकर ईश्वर से जोशीमठ के लिए दुआ करे


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