जिंदगी की हक़ीक़त
जिंदगी की हक़ीक़त
जब लगता है जिंदगी चल पड़ी है
तो फिर जीरो से शुरुआत करना पड़ता है
हालात सुधर जाते है जब भी
तो फिर हालात से लड़ना पड़ता है
करवट लेते इस मुख्तसर सी जिंदगी का
खेल देख कर फिर सफर करना पड़ता है
दिल में चाहत के बवंडर को दबा कर
छोटी जरूरतों का इंतजाम करना पड़ता है
हर बार एक इम्तिहान आ जाता है
बस हिम्मत बांध कर उभरना पड़ता है
दिमाग सोचता रहता है सैकड़ों बाते
और दिल को दिमाग से लड़ना पड़ता है
कुछ भी आसान नहीं होता दुनिया में
आपको मुश्किल से झगड़ना पड़ता है
दोस्तो ऐसा ही है ये जिंदगी का सफर
इस में तप कर ही निखरना पड़ता है।