जन्मदिन आया ..
जन्मदिन आया ..
आओ भाई आओ ..... डब्बू का जन्मदिन आया !
घर में थी चहल पहल ...बच्चों ने तो शोर मचाया !!
किसी को तो केक खाने की छाई थी खुमारी ...
कोई मोबाइल से फ़ोटो खींचने की कर रहा तैयारी !
पर कुछ बच्चों को तो जैसा सब्र नहीं वह थे बड़े अनाड़ी !
तब डब्बू ज़ोर से बोला ...देखो जो जोर से चिल्लाएगा
उसे केक नहीं दिया जाएगा ...न वह कोई भी गेम ....
ही खेल पाएगा ....
क्योंकि अभी आ जायेंगे दादा मेरे
जो बहुत सारी चॉकलेट लाएँगे .....फिर हम सब बच्चे
उनके साथ मिलकर ही तो जन्मदिन मनाएँगे .....
तभी दरवाज़े पर किसी ने डोरबेल थी बजाई ...
और अंदर से मम्मी दौड़ के बाहर आई ....
सब के चेहरे पर रौनक छाई ...क्योंकि दादाजी
के पास थे पैकेट कई सारे कुछ में चॉकलेट ...
कुछ में थी ...मिठाई .....
अरे चलो अब केक काटने की करो तैयारी ...
दादाजी हँसकर बोले ... और अब थी डब्बू की बारी ..
डब्बू ने जैसे ही कैंडल थी ...बुझाई ...सब बच्चों ने
कहा ," हैप्पी बर्थडे डब्बू भाई।
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