टीवी का रिमोट
टीवी का रिमोट
मुझे पसन्द है
कभी खुशी, कभी गम
हम
सलमान, शाहरुख, और अनुपम
पर वो पसन्द करता
मोटू और पतलू
टोम एंड जैरी
बहुत सारे कार्टून
कुत्ते, बिल्ली, हाथी, घोड़े
और उसके पीछे भागता उसका जुनून
टिक - टिक घड़ी की सुइयाँ भागे
वो सुबह - सुबह रिमोट के लिए जागे
मेरा सुबह का झाड़ू -पोंछा
आफत में रहती मेरी जान
पर उसका रोना गिड़गिड़ाना
रिमोट लेकर रहता ठान
पर आज...
मीलों दूर हैं हम
न उसे कार्टून की तलाश है
न मुझे चित्रहार की आस है
आज न उससे लड़ने का मौका मिलता है
न रिमोट के लिए
झगड़ने का मौका मिलता है
और घर का रिमोट भी जैसे
हम दोनों को
खोजता है
मेरे लिए वो छीना झपटी
न जाने अब कब होगी
रिमोट भी ऐसा सोचता है
यादों के वो सुनहरे पल
दे जाते हैं
दिल पे गहरी चोट
ऐसा लगता है
अकेला रह गया है
भाई, हम दोनों के बिन
टीवी का रिमोट ।