रक्षा बंधन
रक्षा बंधन
एक धागे ने ये कैसा बाँधा बंधन
बहन की रक्षा के लिए भाई ने दिया वचन
मरते दम तक निभाऊंगा मैं ये कसम
बहन की रक्षा के लिए भाई ने दिया वचन
आज अमूमन ना वो धागा है ना वो भाई
आज राखी भी चढ़ गई फैशन की चढ़ाई
प्रेम सूत्र चढ़ गया दिखावे की भेंट
मिठाई की जगह हो गया चॉकलेट का टेस्ट
आज बहन क्या लाई कैसा लाई
उसी हिसाब से तो नेग देगा भाई
कहाँ गया वो दर्द -प्रेम -सम्मान
कहाँ गया वो सिर पर हाथ रखने का मान
राखी रक्षा सूत्र नहीं खिलौना बन गई
शक्तिमान -डोरेमोन -बैट बॉल रंग चढ़ गई
मोली की जगह रेशमी -चाँदी -सोने की राखी बढ़ गई
बहन के लिए शगुन भी इज्जत -बेइज्जती बन गई
कहाँ है बहन कहाँ है भाई
अब तो है बराबरी की लड़ाई
शुद्ध देशी घी के रिश्ते हुए गुमनाम
माया -स्वार्थ -लालच ने ले लिया रिश्तों का नाम
फिर भी भारत भूमि पर
रिश्तों का नाम है
कहीं ना कहीं आँखों में शर्म और ईमान है
आज भी जिन्दा हैं त्यौहार और धर्म।