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Avitesh R

Romance Tragedy

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Avitesh R

Romance Tragedy

झूठी मुस्कान

झूठी मुस्कान

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अपने चेहरे पे झूठी मुस्कान लिए फिरते हैं

मायूसी भरे दिल में एक अरमान लिए फिरते हैं।


ज़िंदगी यूँ दग़ा देगी क्या पता था हमें

खुशियाँ मुँह मोड़ लेंगी क्या पता था हमें

अपने भी छोड़ेंगे, कहाँ पता था हमें

अपनी नहीं तो क्या .....

दूसरों की खुशियों की वजह बन पाए।


खाली से दिल में यही अरमान लिए फिरते हैं

अपने चेहरे पे झूठी मुस्कान लिए फिरते हैं।


रंगों से हमें भी बहुत प्यार था

ख़ुद से ज़्यादा मुझे तुझ पे ऐतबार था

प्यार करने का तेरा दावा भी बड़ा दमदार था

ना जाने मिलेगी कब मुझे तेरी मुहब्बत।


आज तलक उसी का इंतज़ार किये फिरते हैं

अपने चेहरे पे झूठी मुस्कान लिए फिरते हैं।।


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